किसान जुलाई-अगस्त में इन फूलों की पैदावार कर अच्छा मुनाफा उठा सकते हैं

बतादें कि चंपा का पौधा आप किसी भी मौसम में लगा सकते हैं। परंतु, बरसात में इसके पौधों का विकास काफी अच्छा होता है। इसकी बुवाई करने के 5 वर्ष उपरांत पौधों पर फूल आने शुरू हो जाते हैं। लोगों का मानना है, कि बरसात में किसान खरीफ फसलों में केवल धान की ही खेती करते हैं। परंतु, इस तरह की कोई बात नहीं है। मानसून के समय किसान भाई बाजरा, मक्का और साग- सब्जियों की भी खेती करते हैं। इससे किसानों को धान की तुलना में अच्छी-खासी आमदनी होती है। परंतु, आज हम किसानों को बताएंगे, कि वह बरसात के मौसम में फूलों का भी उत्पादन कर सकते हैं। फूलों की विभिन्न ऐसी प्रजातियां हैं, जिसकी रोपाई जुलाई-अगस्त के माह में की जा सकती है।

किसान जुलाई अगस्त में करें फूलों की बागवानी

धान-गेंहू की भांति फूलों को भी सिंचाई की आवश्यकता होती है। अगर आप जुलाई- अगस्त महीने में फूलों की बागवानी करते हैं, तो पौधों को समुचित मात्रा में जल मिल जाता है। इससे फूलों के पौधों का अच्छा विकास होता है। साथ ही, उत्पादन भी बेहतरीन होता है। यदि आप चाहें, तो बरसात में घर के अंदर गमले के अंदर भी फूल लगा सकते हैं। ये भी देखें: ऐसे करें रजनीगंधा और आर्किड फूलों की खेती, बदल जाएगी किसानों की किस्मत

गुड़हल के फूल

किसान भाई बरसात के मौसम में गुड़हल के फूल भी उगा सकते हैं। यह फूल बरसात होने पर खूब खिलता है। इस फूल का सर्वाधिक इस्तेमाल पूजा में किया जाता है। विशेष कर देवी माता की पूजा गुड़हल के फूल से ही की जाती है। इसके अतिरिक्त गुड़हल के फूल का उपयोग ज्योतिस शास्त्र एवं तंत्र विद्या की साधना करने में भी किया जाता है।

कनेर के फूल

कनेर के फूल का उत्पादन बरसात के दौरान बढ़ जाता है। ऐसा कहा जाता है, कि शिवलिंग पर कनेर के फूल चढ़ाने से शंकर भगवान अत्यधिक खुश होते हैं।हालांकि, कनेर के फूल का इस्तेमाल देवी- देवताओं की पूजा करने के लिए भी किया जाता है। साथ ही ऐसी मान्यताएं हैं, कि घर के अंदर कनेर का पौधा लगाने से समस्त समस्याएं दूर भाग जाती हैं। इस वजह से आप घर में कनेर के पौधे लगा सकते हैं। ये भी देखें: जानिए बारिश के दिनों में उगाए जाने वाले इन 10 फूलों के बारे में

चंपा के फूल

दरअसल, चंपा का पौधा आप किसी भी मौसम में उगा सकते हैं। परंतु, बरसात में चंपा का पौधा लगाने पर पौधों का विकास अच्छा होता है। इसकी रोपाई करने के 5 साल पश्चात पौधों पर फूल आने शुरू हो जाते हैं। बाजार में चंपा का फूल काफी ज्यादा महंगा बिकता है। इससे बहुत सारी आयुर्वेदिक औषधियां निर्मित की जाती हैं। चंपा का रस आंखों में डालने से बहुत सारी बीमारियां और रोग खत्म हो जाते हैं।